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गहलोत सरकार को जनता की नहीं ख़ुद के हितों की चिंता-वसुन्धरा राजे

सवाईमाधोपुर/जयपुर। राजस्थान की पूर्व सीएम वसुन्धरा राजे परिवर्तन यात्रा के शुभारंभ के अवसर पर सवाईमाधोपुर में अपने संबो​धन में गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा। राजे ने कहा कि राजस्थान के हिस्से का एक बूंद भी पानी कम नहीं होने देंगे। चाहे उन्हें कितना ही खून-पसीना बहाना पड़े। राजे ने कहा कि गहलोत सरकार को जनता के हितों की नहीं ख़ुद के हितों की चिंता है। राजे ने कहा कि ईआरसीपी को जमीन पर लाने के लिये उनकी भाजपा सरकार ने 25 अगस्त 2005 को मध्यप्रदेश के साथ नदियों के पानी के बंटवारे को लेकर समझौता किया। लेकिन दुर्भाग्य से गहलोत सरकार आगई और ईआरसीपी ठंडे बस्ते में डाल दी गई। राजे ने कहा कि हमारी दोबारा सरकार आई तो हमने डीपीआर बना कर इसका काम आगे बढ़ाया। वर्ष 2017-18 व 2018-19 में बजट घोषणा कर नवनेरा बैराज व ईसरदा बांध का काम शुरू किया, लेकिन कांग्रेस सरकार ने ईआरसीपी को पूरा करने के लिये साढ़े 4 साल में कोई गंभीर प्रयास नहीं किया। इसलिये 13 जिलों की जनता प्यासी रही। जबकि मध्यप्रदेश ने तो समझाते के अनुसार मोहनपुरा और कुंडालिया बांध बना लिये। जिनसे उस क्षेत्र को 2.25 लाख हैक्टेयर सिंचाई और पे

राजस्थान रोडवेज प्रबंधन की संयुक्त मोर्चे के साथ वार्ता सफल,प्रस्तावित हड़ताल स्थगित...

जयपुर। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के अध्यक्ष आनंद कुमार ने बताया कि कार्मिकों के वेतन, पेंशन एवं सेवानिवृत्ति परिलाभो के नियमित और समयबद्ध भुगतान के लिये 200 करोड़ रूपये के रिर्जव का प्रावधान किया जायेगा। यह प्रावधान राज्य सरकार एवं विभिन्न वित्तीय संस्थाओं के सहयोग से किया जायेगा, जिससे कार्मिकों को वेतन, पेंशन तथा एक माह के सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान प्रत्येक माह के प्रथम कार्य दिवस को किया जा सके। निगम के इस निर्णय से संयुक्त मोर्च की प्रस्तावित हड़ताल को वापस लिये जाने की आपसी सहमति बनी। इसके लिये संयुक्त मोर्चे के प्रतिनिधियों ने निगम अध्यक्ष आनंद कुमार और प्रबंध निदेशक नथमल डिडेल का उनकी इस सकारात्मक पहल के लिये आभार जताया। रोडवेज अध्यक्ष ने रविवार को रोडवेज मुख्यालय पर निगम के श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चें के प्रतिनिधि मण्डल के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होने बताया कि निगम में एक हजार बसों को शामिल करने के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रति माह एक निश्चित सहयोग राशि (VGF) आगामी 5 वर्षों तक प्रदान की जाएगी तथा 5 वर्ष की अवधि पश्चात उक्त बसें निगम की संपत्ति