अशोक कुमावत (ब्यूरो चीफ) सिरोही—राजस्थान के पर्वतीय पर्यटन स्थल माउंटआबू में गत तीन मार्च को राजभवन से सात एंटीक बंदूकों की चोरी होने का मामला सनसनीखेज रूप में सबके सामने आया था। बकौल इस सनसनीखेज मामले ने पूरे जिला प्रशासन सहित राज्य सरकार को राजभवन की सुरक्षा हेतु सोचने पर विवश किया था।
इसके बाद में सिरोही पुलिस के कप्तान कल्याण मल मीणा के नेतृत्व में अलग-अलग टीमों का गठन कर राजभवन में के एंटीक बंदूकों को चोरी करने वाले आरोपियों को पकड़ने के प्रयास तेज गति से शुरू किए गए थे। इसी क्रम में राज भवन की सुरक्षा व सार संभाल की समीक्षा भी जिला प्रशासन समिति जयपुर स्थित राजभवन की एक टीम ने आकर की थी।
गौरतलब है कि सिरोही पुलिस की सघन दबिश के चलते यह मामला 10 मार्च को ही पूरी तरह उजागर हो गया था कि इसको चोरी करने वाले आरोपी कौन है साथ ही 10 मार्च की सुबह ही उक्त आरोपियों ने माउंट आबू की नर्सरी स्थित मुख्य द्वार पर इन सातों एंटीक बंदूकों को छोड़ कर भाग खड़े हुए थे।
राजभवन की एंटीक बंदूकों की चोरी के मामले में पुलिस में 18 मार्च को गुला पुत्र कसना को जल्द ही गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की थी। उसी की निशानदेही के आधार पर पुलिस राजस्थान के पाली जालौर सहित गुजरात के क्षेत्रीय जिलों में दबिश देती रही आखिरकार पुलिस को शेष रहे तीन वांछित आरोपी को हिरासत में लेने की सफलता प्राप्त हुई।
बता दें कि पुलिस ने धनिया उर्फ धना पुत्र जाति दुबरिया गमेती मुंगला पुत्र ममता उर्फ मोती जाती गुजरिया गमेती लाडू पुत्र मोहन उर्फ मोहन आ जाती गुजरिया गमेती को हिरासत में लेकर पूछताछ की। जिस पर उन्होंने जुर्म कबूल किया। इनमें से एक आरोपी गुला पुत्र कसना राजभवन में पहले मजदूरी के काम के लिए आ चुका था और उसे ही राज भवन में इस तरह की एंटीक बंदूकों के होने की पूरी जानकारी थी जिसकी पूरी प्लानिंग कर कर इन चार आरोपियों ने इन एंटीक बंदूकों को चुरा कर जंगल में ले गए जाई ने पता लगा कि यह बंधु के किसी काम की नहीं है कैसे वापस माउंट आबू की नर्सरी स्थित मुख्य द्वार पर छोड़कर भाग खड़े हुए।
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