इस संदर्भ में शेखावत ने बताया कि एम्बुलेंस कर्मचारी अक्टूबर 2019 से अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत हैं लेकिन आजतक आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला जबकि एम्बुलेंस कर्मचारी पूरे कोराना काल में प्रथम सिपाही बनकर प्रदेशवासियों की सेवा कर रहे हैं लेकिन सरकार द्वारा एम्बुलेंस कर्मचारियों की अनदेखी कर रही है. उन्होंने बताया कि एम्बुलेंस कर्मचारी यूनियन के प्रतिनिधि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों से पिछले 6 माह से लगातार वार्ताएं चल रही है.
बता दें कि कुछ दिन पूर्व राजस्थान एम्बुलेंस कर्मचारी यूनियन के बैनर तले जयपुर में एम्बुलेंस कर्मचारियों की प्रदेश स्तरीय बैठक आयोजित हुई. बैठक में बताया गया कि पिछले 6 माह से कर्मचारी अधिकारी को अपनी समस्याओं के बारे में अवगत करवा रहे हैं लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हो रही. एम्बुलेंस कर्मचारियों की सुनवाई नहीं होने के चलते बैठक में निर्णय लिया गया था है कि यदि हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो 12 अक्टूबर यानि सोमवार को पूरे प्रदेश में एम्बुलेंस सेवा बंद कर दी जायेगी. इस बैठक में एम्बुलेंस सेवा 108 व 104 के सभी जिलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था.
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