राजस्थान के महानिदेशक पुलिस एमएल लाठर ने शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस में राजस्थान पुलिस की ग्राम रक्षक योजना का शुभारंभ किया। उन्होंने इस योजना के लिए बनाई गई बुकलेट एवं ग्राम रक्षकों को दिए जाने वाले वेज को लांच किया।
डीजीपी लाठर ने पुलिस मुख्यालय में मौजूद व वीसी से जुड़े प्रदेश के पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के सभी राजस्व आबाद ग्रामों में अपने ग्राम की सुरक्षा अपने हाथ से वाक्य के साथ राजस्थान में सामुदायिक पुलिस व्यवस्था को मजबूत बनाने एवं ग्रामीण क्षेत्रों तक इसका विस्तार करने के लिए राज्य सरकार द्वारा महत्वाकांक्षी ग्राम रक्षक योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आंतरिक सुरक्षा एवं अपराध नियंत्रण को सम्बल प्रदान करने के लिए ग्रामीणों एवं पुलिस में सामंजस्य, आपसी संवाद एवं परस्पर विश्वास कायम करना है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत प्रदेश में के कुल 38 हजार 934 राजस्व आबाद गांव में ग्राम रक्षक नियुक्त किए जा रहे हैं। अब तक 34 हजार 48 ग्राम रक्षक सूचीबद्ध किए जा चुके हैं। उन्होंने शेष रहे आबाद गांव में यथाशीघ्र ग्राम रक्षकों को सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए। जिला पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा निर्धारित पात्रता के आधार पर ग्राम रक्षकों को सूचीबद्ध किया गया है।
महानिदेशक लाठर ने ग्राम रक्षकों को प्रशिक्षण के दौरान उनके सभी दायित्व भली-भांति समझा कर यथाशीघ्र कार्य प्रारंभ करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्राम रक्षक को द्वारा किए जा रहे कार्यों का निर्धारित कमेटी द्वारा समय समय पर मूल्यांकन किया जाए एवं उन्हें अपने कर्तव्यों एवं उत्तरदायित्व के प्रति सजग रखा जाए।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (कम्युनिटी पुलिसिंग) सुनील दत्त ने ग्राम रक्षक योजना के उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि राजस्थान पुलिस अधिनियम 2007 तथा राजस्थान पुलिस संशोधित अध्यादेश 2020 के प्रावधान के अनुसार प्रदेश के समस्त आबाद गांवों में अवैतनिक स्वयंसेवक के रूप में 2 वर्ष के लिए ग्राम रक्षक सूचीबद्ध किए जा रहे हैं। पात्रता की निर्धारित शर्तों के अनुसार सूचीबद्ध होने के लिए आवेदक आठवीं कक्षा पास हो, नैतिक चरित्र अच्छा हो, किसी अपराधों में लिप्त ना रहा हो, शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हो, आयु 40 से 55 वर्ष के मध्य हो, किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हो। केंद्रीय या राज्य अर्धसैनिक बल के पूर्व सैनिक या सेवानिवृत्त अथवा अर्धसैनिक कार्मिक या गृह रक्षा स्वयं सेवक को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के उपरांत सभी ग्राम रक्षको को को पंजिका एवं मार्गदर्शिका भी उपलब्ध कराई जा रही है।
इस अवसर पर अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस उमेश मिश्रा, नीना सिंह, डॉ. रवि प्रकाश, सौरभ श्रीवास्तव, गोविन्द गुप्ता, अनिल पालीवाल, अशोक राठौड़, सचिन मित्तल, संजीब कुमार नार्ज़री, महानिरीक्षक वीके सिंह, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता व उपमहानिरीक्षक गौरव श्रीवास्तव सहित संबंधित अधिकारी गण मौजूद रहे।
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