राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने राजस्थान रिफाइनरी प्रोजेक्ट (Rajasthan Refinery Project) से सम्बन्धित कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण परियोजना से पश्चिमी राजस्थान के जिलों में औद्योगिक विकास को गति मिलेगी और इसका लाभ पूरे प्रदेश की जनता को भी मिलेगा।
सीएम गहलोत ने गुरूवार को कहा कि राजस्थान रिफाइनरी देश की पहली ऐसी रिफाइनरी होगी, जहां तेल शोधन के साथ-साथ पेट्रोलियम सह-उत्पादों के निर्माण के लिए पेट्रो-केमिकल कॉम्पलेक्स एक साथ विकसित होंगे। इस महत्वाकांक्षी परियोजना से राजस्थान पेट्रोलियम आधारित उद्योगों के हब के रूप में विकसित होगा। इसमें सुनियोजित निवेश से राज्य को बड़ा राजस्व तो मिलेगा ही, रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
उन्होंने एचपीसीएल (HPCL) के अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोविड-19 महामारी के कारण जिन कार्याें में देरी हुई है, उनमें तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि पेट्रो-केमिकल कॉम्प्लेक्स का सुनियोजित विकास किया जाए और इसमें निवेश के लिए विश्व स्तर की कम्पनियों को आमंत्रित किया जाए।
मुख्यमंत्री गहलोत ने रिफाइनरी के आसपास औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के कार्यों में गति लाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के सभी सम्बन्धित विभाग अपने स्तर पर रिफाइनरी से जुड़े कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। परियोजना के लिए बिजली, पानी, भूमि आवंटन आदि का काम जल्द पूरा हो। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि परियोजना क्षेत्र में जन सुविधाएं विकसित करने के लिए कार्ययोजना बनाएं और सम्बन्धित जिलों में भू-उपयोग के लिए मास्टर प्लान तैयार करें।
मुख्यमंत्री गहलोत ने यह भी कहा कि पश्चिमी राजस्थान सहित पूरे प्रदेश के विकास के लिए पेट्रोलियम रिफाइनरी एक बहुत बड़ा सपना है, जिसमें कई बार रूकावटें आईं। क्षेत्र की जनता के लम्बे संघर्ष और हमारी सरकार के पुरजोर प्रयासों के बाद यह प्रोजेक्ट अब गति पकड़ सका है। उन्होंने केयर्न एनर्जी द्वारा विकसित स्किल डवलपमेंट सेन्टर सहित क्षेत्र में उपलब्ध प्रशिक्षण संस्थानों के संसाधनों का उपयोग कर अधिकाधिक संख्या में युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए।
बैठक में खान एवं पेट्रोलियम मंत्री प्रमोद जैन भाया, विधायक मदन प्रजापत, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, मुख्यमंत्री के सलाहकार गोविन्द शर्मा, खान एवं पेट्रोलियम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल सहित वित्त, नगरीय विकास, इंदिरा गांधी नहर बोर्ड आदि विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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