राजस्थान महानिदेशक पुलिस इन्टैलीजेन्स उमेश मिश्रा ने बताया कि पाकिस्तानी गुप्तचर एजेन्सी की महिला एजेन्ट के हनीट्रैप में फंसकर भारतीय सेना के सामरिक महत्व के गोपनीय दस्तावेजों की फोटों खींचकर वाटस्एप द्वारा पाकिस्तानी हैण्डलर को भेजने के आरोप में जयपुर स्थित रेल्वे डाक सेवा के एमटीएस कर्मी भरत बावरी (27) को मिलैक्ट्री इन्टैलीजेन्स दक्षिणी कमान एवं स्टेट इन्टैलीजेंन्स ने संयुक्त कार्रवाई एवं निगरानी के पश्चात् शुक्रवार की दोपहर हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है ।
संयुक्त पूछताछ केन्द्र जयपुर पर एजेन्सियों द्वारा की जा रही पूछताछ में आरोपी भरत बावरी ने बताया कि वह मूलतः गांव-खेडापा, जिला- जोधपुर का रहने वाला है तथा 3 वर्ष पूर्व ही एमटीएस परीक्षा के तहत रेल्वे डाक सेवा के जयपुर स्थित कार्यालय में पदस्थापित हुआ था। यहां वह आने जाने वाली डाक की छटनी करने का कार्य करता था।
लगभग 4-5 माह पूर्व उसके मोबाईल के फेसबुक मैसेंजर पर महिला का मैसेज आया। कुछ दिनों दोनो वाटस्एप पर वॉइस कॉल व वीडियो कॉल से बात करने लगे। छदम नाम की महिला ने अपने आप को पोर्ट ब्लेयर में नर्सिंग के बाद एमबीबीएस की तैयारी करना बताया तथा अपने किसी रिश्तेदार का जयपुर स्थित किसी अच्छी सी आर्मी यूनिट में स्थानान्तरण के बहाने आरोपी से धीरे-धीरे आर्मी के सम्बन्ध में आने वाले डाक के फोटो मंगवाना शुरू कर दिया। बाद में पाक महिला एजेन्ट ने आरोपी से जयपुर आकर मिलने व साथ धूमने का एवं उसके साथ रूकने का झांसा देकर अपने छदम फोटो भेजना शुरू कर दिया
आरोपी को पूर्ण रूप से अपने मोहजाल में फंसाकर आर्मी के पत्रो की फोटो भेजने के लिए कहा तो आरोपी चोरी छिपे गोपनीय डाक पत्रों के लिफाफे खोलकर पत्रों की फोटो खींचकर जरिये वाटस्एप भेजने लगा। आरोपी के फोन की वास्तविक जांच में उपरोक्त तथ्यों की पुष्टि होने पर आरोपी के विरूद्व शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी ने पूछताछ पर यह भी बताया है कि उक्त महिला मित्र के चाहने पर अपनी स्वंय के नाम की एक सिम के मोबाईल नम्बर और वाटस्एप हेतु ओटीपी भी शेयर कर दिये ताकि उक्त भारतीय नम्बर में पाक महिला एजेन्ट अन्य छदम नाम से उपयोग कर अन्य लोगों तथा आर्मी के जवानों को अपना शिकार बना सकें।
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