पार्टी सूत्रों की मानें तो राजस्थान सहित कई प्रदेशों के भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्रियों के कामकाज को लेकर संबंधित राज्यों के कार्यकर्ताओं एवं वरिष्ठ पदाधिकारियों में असंतोष देखा गया है। इसी के चलते भाजपा केंद्रीय स्तर से लेकर राज्यों तक के संगठनों में ज्यादा बदलाव करने के संकेत मिल रहे हैं।
आपको बता दें कि भाजपा के विभिन्न राज्यों के मुख्यालयों में अभी संगठन महामंत्री कार्यालय में ही रहते हैं। वह कार्यकर्ताओं के लिए सर्वसुलभ हैं। तो वहीं सूत्रों का कहना है कि इससे संगठन का कामकाज प्रभावित हो रहा है। क्योंकि कार्यकर्ता संबंधित पदाधिकारियों के बजाय संगठन महामंत्री की एक समानांतर व्यवस्था को अपनाने लगते हैं। ऐसे में कई राज्यों से यह शिकायत मिली थी कि वहां के प्रदेश अध्यक्षों से ज्यादा प्रभावी संगठन महामंत्री हो रहे हैं। इसके पीछे एक वजह उनका कार्यालय में ही निवास करना भी माना गया।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि हार के कारणों की प्रारंभिक रिपोर्ट पार्टी के केंद्रीय संगठन तक पहुंचने के बाद अब अंदरखाने बदलाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। चर्चा है कि पिछले करीब तीन-चार साल से एक ही प्रदेश में तैनात प्रदेश संगठन महामंत्रियों को बदला जा सकता हैं। ऐसे में राजस्थान में जिम्मेदारी निभा रहे चंद्रशेखर की जगह इस पद की बागडोर किसी दूसरे संघनिष्ठ को दी जा सकती है। इसका मुख्य कारण माना जा रहा है कि चंद्रशेखर की देखरेख में हुए पिछले विधानसभा चुनाव और हालिया दो उपचुनावों में हार के कारण पार्टी की परफोरमेंंस में जबरदस्त गिरावट आई है।
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