शेखावत ने कहा कि राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना 108 की सेवायें नर्सिंगकर्मी व पायलेट (ड्राइवर) गांव-गांव, ढाणी-ढाणी में देते हैं। ऐसे में एम्बुलेन्स कर्मचारियों की तुलना वार्ड बॉय से करना घोर निंदनीय है।
प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि सरकार यदि इन मेहनतकश कर्मचारियों को समान्नजनक वेतन नहीं दिलवा सकती तो कम से सरकार के मंत्री इस तरह इन कर्मचारियों को ऐसी बयानबाजी करके अपमानित तो नहीं करें। यदि 8 हजार रुपये महीना काफी होता है तो सबसे पहले जनप्रतिनिधियों को प्रतिमाह मिलने वाले वेतन भत्तों में से सिर्फ 8 हजार ही लेने चाहिए।
शेखावत ने कहा कि चिकित्सा मंत्री अपने बयान पर माफी मांगे और एम्बुलेंस कर्मचारी संविदाकर्मी की मांग क्यों नहीं कर सकते, इसका जवाब भी मंत्री महोदय को देना होगा अन्यथा प्रदेश की एम्बुलेन्स सेवाओं का 24 दिसम्बर को चक्का जाम कर दिया जाएगा। जिसके कारण आमजन को होने वाली परेशानी की जिम्मेदारी प्रदेश के नए नवेले चिकित्सा मंत्री की होगी।
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