भरतपुर। देर रात गश्त के दौरान डीग कोतवाली पुलिस ने तीन जनों को संदिग्ध हालत में एक हथोड़ा, मास्टर-की जैसी चाबी व लोहे की छड़नुमा तीन अन्य चाबियों के साथ धारा 151 में गिरफ्तार किया था। अगले दिन दूधवली पुलिया के पास मिली एक अधेड़ की लाश के अनुसंधान के दौरान गिरफ्तार किए गए तीन जनों में से एक युवक मृतक का हत्यारा बेटा और दो उसके साथी निकले, जिन्होंने सुपारी लेकर इस हत्या की घटना को अंजाम दिया था।
इस संदर्भ में भरतपुर एसपी देवेंद्र कुमार विश्नोई ने बताया कि 24 दिसंबर की रात करीब 11:30 बजे तीन व्यक्ति डीग कस्बे में लक्ष्मण मंदिर के पास दुकानों की आड़ में खड़े थे। जिनके पास एक बड़ा हथोड़ा व कुछ चाबियां थी। संदिग्ध मानते हुए थानाधिकारी डीग कोतवाली राजेश कुमार पाठक ने तीनों युवकों राजेश जाटव पुत्र मोहकम (30) व विजेंद्र जाटव पुत्र पूरन (27) निवासी सहारई कॉलोनी डीग एवं कान्हा जाटव पुत्र अमर सिंह (22) निवासी जिला मथुरा यूपी को धारा 151 में गिरफ्तार कर लिया।
एसपी विश्नोई ने बताया कि शनिवार को सुबह 5:30 बजे कंट्रोल रूम से दिदावली पुलिया के पास एक व्यक्ति मृत अवस्था मे पड़े होने की सूचना मिलने पर थानाधिकारी मौके पर पहुंचे। मृतक की जेब से मिले आधार कार्ड से उसकी पहचान मोहकम जाटव पुत्र कारे जाटव (58) निवासी सहारई थाना सदर डीग के रूप में की गई। अनुसंधान के दौरान थाना पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली की मृतक का तीन चार महीने पहले ही दो तीन बैंकों में करीब 40 लाख का बीमा उसके बेटे राजेश ने करवाया था जो पूर्व रात्रि को संदिग्ध अवस्था मे दो अन्य के साथ गिरफ्तार किया गया है।
40 लाख की बीमा रकम पाने के लिए की पिता की हत्या:-
मृतक के सिर में आई चोटों एवं एक्सीडेंट के दौरान घिसटने के कोई निशान नहीं मिलने पर मामला संदिग्ध लगने पर मृतक के पुत्र राजेश व उसके मित्र विजेंद्र व कान्हा से गहनता से पूछताछ की गई तो उन्होंने हत्या करना स्वीकार कर लिया। पूछताछ में बताया कि मृतक मोहकम अपने बेटे राजेश के परिवार के साथ फरीदाबाद में रह रहा था। राजेश के मन में पिता का एक्सीडेंटल बीमा करा कर उसकी हत्या कर हत्या को एक्सीडेंट का रूप देकर बीमा क्लेम उठाने का ख्याल आया। इस पर उसने अपने दोस्तों को पैसे देकर पिता को मारने की सुपारी दी। इसके लिए पहले पिता का 40 लाख रुपए का बीमा करवाया।
घटना को अंजाम देने के लिए राजेश जाटव अपने पिता को लेकर 24 दिसंबर को फरीदाबाद से कोसी पहुंचा और कोसी से छटीकरा पहुंच गया। जहां उसे कान्हा मिला। वहीं पर तीनों ने शराब पी। छटीकरा से ही ₹500 में हथौड़ा खरीदा गया। वहां से कान्हा की बाइक से तीनों गोवर्धन पहुंचे। जहां उन्हें विजेंद्र अपनी मोटरसाइकिल सहित मिला। दोनों मोटरसाइकिल से चारों दीदावली पुलिया के पास पहुंचे। जहां हथौड़े से मोहकम सिंह के सिर व शरीर पर वार कर हत्या कर दी और एक्सीडेंट का रूप देने के लिए लाश रोड के किनारे पटक दी। घटना के बाद डिग जाकर अपने-अपने घर जाने के लिए रवाना हो रहे थे, इतने में ही पुलिस ने संदिग्ध अवस्था में तीनों को गिरफ्तार कर लिया।
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