लखनऊ के कालका-बिंदादिन घराना से ताल्लुक रखने वाले प्रख्यात कथक नर्तक बिरजू महाराज का निधन,राष्ट्रपति ने कहा-"दिग्गज पंडित बिरजू महाराज का निधन एक युग के अंत का प्रतीक"
भारतीय नृत्य शैली कथक को विश्व पटल पर ले जाने वाले और इस तक शिष्यों तथा प्रशंसकों की कई पीढ़ियों की पहुंच बनाने वाले प्रख्यात कथक नर्तक बिरजू महाराज का सोमवार तड़के यहां अपने घर पर निधन हो गया। ‘महाराज जी’ के नाम से मशहूर बिरजू महाराज अगले महीने 84 वर्ष के हो जाते। बताया जा रहा है कि बिरजू महाराज के निधन के वक्त उनके आस-पास परिवार के लोग तथा उनके शिष्य मौजूद थे। वे रात के भोजन के बाद अंताक्षरी खेल रहे थे, जब महाराज को अचानक कुछ परेशानी होने लगी।
भारत के सबसे प्रसिद्ध एवं पसंदीदा कलाकारों में से एक, बृज मोहन नाथ मिश्रा (पंडित बिरजू महाराज के नाम से मशहूर) लखनऊ के कालका-बिंदादिन घराना से ताल्लुक रखते थे। वह ठुमरी के भी माहिर थे और उन्होंने सत्यजीत रे की फिल्म “शतरंज के खिलाड़ी” के लिए एक गीत भी गाया था। उनके परिवार में तीन बेटियां, दो बेटे और पांच नाती-पोते हैं।
कथक दिग्गज की निधन की खबरें आते ही शोक संदेशों का तांता लग गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिरजू महाराज की मौत पूरे कला जगत के लिए “अपूरणीय क्षति” है। मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘भारतीय नृत्य कला को विश्वभर में विशिष्ट पहचान दिलाने वाले पंडित बिरजू महाराज जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना संपूर्ण कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं।’’
तो वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, “दिग्गज पंडित बिरजू महाराज का निधन एक युग के अंत का प्रतीक है। इसने भारतीय संगीत एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में बड़ा सा खालीपन ला दिया है। वह एक प्रतीक बन गए थे, जिन्होंने कथक को विश्व स्तर पर लोकप्रिय बनाने के लिए अतुलनीय योगदान दिया। उनके परिवार एवं प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं।”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि भारतीय सांस्कृतिक नृत्य के क्षेत्र में उनका योगदान अतुलनीय है और उन्हें इसके लिए याद किया जाएगा।
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