सीएम गहलोत ने कहा कि NCRB के आंकड़ों के मुताबिक 2020 में लॉकडाउन होने के बावजूद जब पूरे देश में गत वर्ष की तुलना में अपराधों में 28.03% की वृद्धि हुई तब राजस्थान में 14.46% की कमी हुई। NCRB के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में 2020 में डकैती, लूट, अपहरण, बलात्कार, बलवा, नकबजनी, चोरी सहित सभी तरह के अपराधों में कमी आई है। इस दौरान श्री अमित शाह के गृहराज्य गुजरात में तो अपराध में 62.29% की बढ़ोत्तरी हुई। वर्ष 2021 में भी राजस्थान में 2019 की तुलना में 4.77% की कमी हुई है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने FIR पंजीकरण अनिवार्य करने का साहस दिखाया। अनिवार्य FIR पंजीकरण नीति लागू करते समय हमें पता था कि अपराध के आंकड़ों में बढ़ोत्तरी होगी एवं विपक्ष तथा मीडिया इस पर सवाल उठाएगा परन्तु हर पीड़ित को इंसाफ दिलाने के लिए हमने यह नीति लागू की। पहले पॉक्सो एक्ट के पीड़ित कार्रवाई ना होने के डर से मन मसोस कर रह जाते थे परन्तु अब उनका सरकार में भरोसा जागा है एवं वो FIR दर्ज करवा रहे हैं। पुलिस हर FIR को एक तार्किक अंत तक पहुंचा रही है और अपराधियों को सजा मिल रही है।
अनिवार्य FIR पंजीकरण नीति लागू होने से पूर्व महिला अपराधों की 33.4% FIR अदालतों CrPC 156 (3) से इस्तगासे के माध्यम से दर्ज होती थीं परन्तु इस नीति के बाद यह संख्या सिर्फ 16% रह गई है। महिला अत्याचारों का अनुसंधान समय भाजपा सरकार के दौरान 2017-18 में 274 दिन हुआ करता था जो अब अब 79 दिन रह गया है। महिला अपराधों के लिए हर जिले में एडिशनल एसपी की नियुक्ति की गई है। अदालत से भी कोई अपराधी बच ना सके इसलिए लीगल ऑफिसर्स की नियुक्ति की है। इन सभी कदमों से पीड़ितों को राहत मिली है एवं अपराधियों में भय व्याप्त हुआ है। मैंने प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया कि पूरे देश में अनिवार्य FIR पंजीकरण नीति लागू हो जिससे सभी प्रदेशों के असल आंकड़े सामने आ सकें परन्तु अभी तक ऐसा नहीं हुआ है।
सीएम गहलोत ने कहा कि अनिवार्य FIR पंजीकरण के बावजूद अपराधों में कमी दिखाता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति भाजपा शासित राज्यों से बेहतर है। हमारी सरकार के 3 सालों में पॉक्सो एक्ट के 620 मामलों में सजा सुनाई गई है। इनमें 7 को फांसी एवं 137 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। हम भाजपा की तरह अपराध पर राजनीति नहीं करते अपितु अपराधियों को कठोर दंड देकर उन्हें अंजाम तक पहुंचाते हैं।
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