आपको बता दें कि राजस्थान में वन्य जीव संरक्षण में डॉ. अरविंद माथुर का विशेष योगदान है। उन्होंने अब तक करीब 500 से ज्यादा वन्य जीवो को ट्रेंकुलाइजेशन एवं रेस्क्यू ऑपरेशन सफलतापूर्वक करते हुए उनकी जान बचाई और उन्हें उपचार भी दिया। जिसमें विशेष तौर पर टाइगर, पैंथर, हाथी, हाइना, नील गाय, सांभर, सियार, भेड़िया, मगरमच्छ, बंदर, भालू इत्यादि है।
गौरतलब है कि जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क एवं चिड़ियाघर जयपुर में बनी अत्याधिक नवजात शिशु क्रिटिकल केयर यूनिट में वन्यजीवों पैंथर, हाइना, जंगली बिल्ली आदि का सफलतापूर्वक पालन किया। पिछले दिनों 7 से 10 दिन का पैंथर शावक अपनी मां से बिछड़ गया था और उस समय उसका वजन 500 ग्राम था उसकी केयर कर उसको बड़ा किया गया और वर्तमान में पैंथर शावक 10 माह का हो गया है और उसका वजन 30 केजी से ज्यादा है।बता दें कि राज्य के सरिस्का टाइगर रिजर्व, रणथम्भौर एवं मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में अभी तक 30 से अधिक टाइगर्स को सफलतापूर्वक ट्रेंकुलाइज, ट्रीटमेंट एवं रेडियो कॉलर लगाया गया है।अभी तक 50 से ज्यादा वन्यजीवों की सफलतापूर्वक सर्जरी कर चुके हैं। राज्य की शेरों में प्रथम सर्जरी रेस्क्यू सेंटर नाहरगढ़ में अफ्रीकन शेर अली के 2003 में हुई थी एवं सफलतापूर्वक ढाई किलो का ट्यूमर निकाला गया था।
तो वहीं जयपुर में पिछले 10 वर्षों से इंडियन वुल्फ का सफल प्रजनन एवं संरक्षण हो रहा है।इसके एक्सचेंज में कई वन्यजीव जैसे टाइगर, लायन, हिप्पोपोटामस, सफेद टाइगर, जंगली सूअर, पैंथर, मगरमच्छ, बारहसिंघा, चिंकारा, स्लॉथ बियर एवं विभिन्न प्रकार के वाइल्ड बर्ड्स आदि वन्य जीव देश के विभिन्न चिड़िया घरों से नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क लाए गए हैं।
पूर्व में नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के एशियाटिक शेर त्रिपुर के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर उसका सफल इलाज एवं प्रबंधन किया गया सभी वन्यजीवों के प्रोटोकॉल के अनुसार सैंपल्स लेकर भेजे गए एवं उनको चिकित्सा प्रदान की गई। तो वहीं वन्य जीव एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत देश के विभिन्न राज्यों से जैसे नई दिल्ली, चेन्नई, गुजरात, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना एवं उत्तर प्रदेश से विभिन्न वन्यजीव जैसे सफेद बाघ, रॉयल बेंगल टाइगर, एशियाटिक शेर एवं शेरनी, पैंथर, मगरमच्छ जंगली सूअर एवं शुतुरमुर्ग एवं विभिन्न पक्षियों का सफलतापूर्वक एवं सुरक्षित ट्रांसपोर्टेशन जयपुर में किया गया।हाल ही में यानि जनवरी में अचरोल रेंज से एक पैंथर को रेस्क्यू किया गया था कड़ाके की सर्दी के कारण वह निमोनिया से ग्रस्त हो गया था उसमें न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर भी आ गए थे उस पैंथर को रेस्क्यू सेंटर में लाकर उसका ट्रीटमेंट किया गया उसको फ्लूडथेरेपी एवं आवश्यकथेरेपी की गई दवाई दी गई उपचार पश्चात वह पैंथर पूरी तरह स्वस्थ है।
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