सीएमडी रोडवेज से भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) कर्मियों को असीमित यात्रा के आदेश निरस्त करने की मांग
जयपुर। आरएसआरटीसी ऑफिसर्स ऐसोसिएशन द्वारा आज सीएमडी, रोडवेज को ज्ञापन देकर गृह विभाग द्वारा दिनांक 19 अप्रेल, 2022 को भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के कर्मियों को साधारण एवं एक्सप्रेस बसों में मात्र 300 रू0 प्रतिमाह असीमित यात्रा सुविधा उपलब्ध करवाने के आदेश को निरस्त करने की मांग की है।
आरएसआरटीसी ऑफिसर्स ऐसोसिएशन द्वारा आज सीएमडी, रोडवेज को ज्ञापन देकर राजस्थान पुलिस कर्मियों को साधारण एवं एक्सप्रेस बसों में राजस्थान पुलिस कर्मियों मात्र 300 रू0 प्रतिमाह (200 रू पुलिसकर्मी व 100 रू0 राजस्थान पुलिस विभाग द्वारा वहन) में असीमित यात्रा सुविधा जनवरी, 2021 से उपलब्ध करवाये जाने पर प्रतिमाह कई करोड़ के राजस्व का नुकसान राजस्थान रोडवेज को हो रहा है तथा इस सम्बन्ध में एसोसिएशन कई बार अवगत करा चुकीं है।
राजस्थान रोडवेज को अगस्त-2021 से पुलिस विभाग के कर्मियों को असीमित यात्रा उपलब्ध कराने से राजस्थान रोडवेज को अभी तक करोडों रूपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है और अब भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के कर्मियों को असीमित यात्रा उपलब्ध कराने पर अपूर्णीय राजस्व का नुकसान होगा और राजस्थान पुलिस एवं भ्रष्टाचार निरोधक विभाग राजस्थान रोडवेज को भारी नुकसान पहुॅचाकर अपना यात्रा भत्ता व्यय बचाना चाह रहे है। राजस्थान पुलिस एवं भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के कर्मियों द्वारा एक बस में असीमित सीटों पर यात्रा करने से नियमित यात्रियों को भी परेशानी होगी और राजस्थान रोडवेज को भी करोड़ों रूपये का नुकसान होगा। इसके लिये सीएमडी को गंभीरतापूर्वक विचार कर आदेश निरस्त करने के लिये कहा गया है।
एसोसिएशन द्वारा सीएमडी को अवगत कराया है कि राजस्थान रोडवेज की वर्तमान स्थिति में 4500 से घटकर 2500 बसे रह गयी है, निगम मण्डल द्वारा 550 बस नई खरीद का निर्णय करने के बाद भी संभव नहीं हो पा रहा है, दिन-प्रतिदिन के व्यय के लिए 500 करोड़ का ऋण लिया जा चुका है तथा रोडवेज कर्मियों को राज्य सरकार के अनुरूप सुविधाये उपलब्ध कराने में भी दिक्कत आ रही है।
एसोसिएशन द्वारा ज्ञापन में जनघोषणा पत्र के अनुरूप बसों की संख्या व मार्गो की संख्या में वृद्धि तथा निगम को सुदृढ करने के लिये रोडवेज प्रबन्धन द्वारा राज्य सरकार से अविलम्ब 1000 बसें खरीदने के लिये 300 करोड़ उपलब्ध कराने, वार्षिक अनुदान 200 से 300 करोड़ करने तथा आरटीडीआईएफ से स्वायत्त शासन व परिवहन में अनुपात राशि में परिवर्तन कर 50-50 अनुपात में राशि करने की मांग करनी चाहिए।
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