राजस्थान में बढ़ते महिला अपराधो को लेकर प्रियंका गांधी पर निशाने साधने की सजा दे रही है कांग्रेसः जितेन्द्र गोठवाल
राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में बिगड़ी कानून व्यवस्था के बावजूद कांग्रेस सरकार के रसूखदार नेता लगातार किसी न किसी जुर्म में पुलिस की गिरफ्त से बच जाते है, लेकिन राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते द्वेषपूर्वक भाजपा कार्यकर्ताओं पर पुलिसतंत्र के बल पर एक प्रचंड प्रताड़ना का कार्य सरकार ने प्रारंभ किया है। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष पर अलग-अलग थानों में 8 मुकदमें, दो मुकदमें स्वयं (राजेन्द्र राठौड़) पर व लगभग 212 मुकदमें राजस्थान भर में अलग-अलग जगहों पर भाजपा के कार्यकर्ताओं पर प्रदर्शन-आंदोलन-धरने के कारण दर्ज किये गए है।
राठौड़ ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, प्रदेश की पुलिस कटपुतली बनकर रह गई है, बीकानेर में भाजपा कार्यकर्ताओं पर बिजली कटौती के विरूद्ध में ज्ञापन देने पर एट्रोसिटी एक्ट, राजकार्य में बाधा का मुकदमा दर्ज करना, वहां के जिलाध्यक्ष, प्रदेश उपाध्यक्ष व कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज करते है, मुख्यमंत्री गहलोत आईपीसी का माखौल बनाकर गहलोत पेनल कोड चला रहे है।
तो वहीं भाजपा प्रदेश मंत्री जितेन्द्र गोठवाल ने डॉ. अर्चना शर्मा मामले की जानकारी साझा करते हुए कहा कि इस प्रकरण में आशा बैरवा की मौत 12 बजे, 28 मार्च 2022 डिलिवरी के दौरान होने के बाद, मुआवजे की मांग को लेकर 2 बजे धरना करते है और शाम 6ः50 पर पुलिस द्वारा डॉ. अर्चना शर्मा के खिलाफ धारा 302 में मामला दर्ज कर लेती है।
इस पूरे घटनाक्रम के साढ़े 9 घंटे बाद घटनास्थल पहुंचकर, 1 घंटे वहां रुकने के बाद तहसीलदार और पटवारी के माध्यम से सरकारी योजनाओं सहित 10 लाख मुआवजे पर सहमति बनी, जिसके बाद सवाई माधोपुर निकल गया था, अगले ही दिन मेरी जानकारी में आया कि कांग्रेस मंत्री प्रसादीलाल मीणा द्वारा डॉ. अर्चना शर्मा व उसके परिवार व मृतक परिवार पर दबाव बनाकर मंत्री के नजदीकी लोगों द्वारा समझौता पत्र तैयार कर 3 लाख रूपये की राशि दी गई।
पुलिस के अनुसार आशा बैरवा के परिवार के लोगों के पास 3 लाख रूपये बरामद हुए, जो समझौते में दिए गए थे, जबकि प्रदर्शन-धरना करने वाले लोगों ने मुआवजा सरकार से मांगा था डॉ. अर्चना से नहीं, फिर भी मुझे गिरफ्तार किया गया, क्योंकि 3 दिन पहले प्रियंका गांधी को राजस्थान में बढ़ते महिला अपराध पर चेताते हुए ट्रैन की टिकट भेजी थी, साथ ही पिछले 3 सालों में मैंने भरतपुर संभाग में लगभग 25 धरना-प्रदर्शन सरकार के खिलाफ किए। इसके चलते द्वेष्तापूर्ण सरकार ने मुझे झूंठा फंसाया है। मैं सरकार से मांग करता हूं कि इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की जाए।
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