राज्यसभा चुनाव में भाजपा दूसरा उम्मीदवार भी उतारने की रणनीति पर काम कर रही है। विधानसभा में बीजेपी के उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा पार्टी की प्रदेश कोर कमेटी ने सेकेंड कैंडिडेट उतारने पर प्रारम्भिक चर्चा कर ली है। अगर विद्रोह कर कांग्रेस के खेमे से विधायक हमारी तरफ आते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे।
दूसरा उम्मीदवार उतारते ही कांग्रेस और बीजेपी में 1 सीट पर बेहद रोचक मुकाबला हो जाएगा। क्योंकि बीजेपी के पास जीत का जरूरी गणित नहीं है। लेकिन सियासी मैसेज देने के लिए वह कांग्रेस को वॉकओवर नहीं देना चाहती। कांग्रेस को चुनौती देने के लिए ही दूसरा उम्मीदवार उतारने की तैयारी की जा रही है। राज्यसभा चुनाव के वोटिंग और प्रत्याशी की जीत तय करने के फॉर्म्युले (एकल संक्रमणीय मत प्रणाली) से कांग्रेस की 2 और बीजेपी की 1 सीट पर जीत पक्की है। लेकिन चौथी सीट के लिए दोनों पार्टियों में मुकाबला हुआ। तो सियासी जोड़-तोड़ और बाड़ाबंदी देखने को मिलेगी। आज से राज्यसभा के लिए नॉमिनेशन पीरियड शुरु हो गया है। जो 31 मई तक चलेगा। 10 जून को राजस्थान विधानसभा में राज्यसभा की 4 सीटों के लिए चुनाव होना है।
कांग्रेस भी 2 के बाद अपना तीसरा प्रत्याशी खुदके दम पर नहीं जिता सकती है। इसके लिए निर्दलीय और दूसरी पार्टियों के विधायकों के वोट ही जीत तय कर सकते हैं। बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां ऐसे विधायकों को अपने-अपने पाले में रखने की कवायदों में जुट गई हैं। बीजेपी नेता दूसरे प्रत्याशी को जिताने के लिए निर्दलीय और दूसरी पार्टियों के विधायकों की मदद लेने के लिए रणनीति बनाने में जुट गए हैं। इसके लिए ऐसे विधायकों पर नजर है जो कांग्रेस, सरकार, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज चल रहे हैं।
गौरतलब है कि राजस्थान में कांग्रेस के 108, भाजपा के 71, निर्दलीय 13, आरएलपी के 3, बीटीपी के 2, माकपा के 2 और आरएलडी का 1 विधायक है। कांग्रेस के पाले में कुल 126 विधायक माने जाते हैं। बीजेपी के पास कुल 74 ही विधायक हैं। संख्या बल के आधार पर कांग्रेस 3 प्रत्याशी खड़ा करेगी, तो उन्हें जिताने के लिए 41-41-41 यानी कुल 123 वोट की जरूरत पड़ेगी। बीजेपी अगर 2 प्रत्याशी उतारेगी तो उन्हें जिताने के लिए 41-41 यानी कुल 82 वोट की जरूरत होगी। ऐसे हालात में बीजेपी को कांग्रेस के पाले में बैठे 8 विधायकों को सियासी जोड़-तोड़ कर अपने खेमे में लाना होगा जबकि यह मौजूदा हालात में बहुत कठिन है।
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