सीएम गहलोत ने कहा कि आज गांवों में सरपंच जो है महिला बन रही हैं, दलित बन रहा है, पिछड़ा बन रहा है, पहले ये संभव नहीं था, बहुत बड़ी क्रांति हुई उस वक्त में, तो उनकी उपलब्धियों को आज भी हम याद करते हैं। दुर्भाग्य इस बात का है देश के अंदर कि वर्तमान सरकार द्वारा, पिछली सरकारों के जो प्रधानमंत्री थे या जो उनका योगदान था, उसको भुलाने का षड्यंत्र चल रहा है, उसी रूप में ये एक शब्द नहीं बोलते हैं ये लोग।
सीएम गहलोत ने कहा कि मुझे आश्चर्य होता है कि मेरे ख्याल से शायद दुनिया के कोई मुल्क में नहीं होगा कि आप अपनी विरासत में आकर बैठे प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति बने हैं, तो पुरानी विरासत को भुला ही दो, ये मैं पहली बार देख रहा हूं देश के अंदर, इसलिए मैं बार-बार कहता हूं कि देश किस दिशा में जा रहा है, किसी को भी नहीं मालूम है, किस दिशा में जाएगा कोई समझ नहीं पा रहा है। अभी तो धर्म के नाम पर बहुत लोग उत्साहित हैं, हिंदू धर्म की बात कर रहे हैं ये लोग, हिंदू धर्म के नाम पर चाहे युवा हो, चाहे बुजुर्ग हो, उनको अच्छा लगता है, पर जब तक हम सभी धर्मों के लोगों को, सभी जातियों को, सभी वर्गों को साथ लेकर नहीं चलेंगे, आज 70 साल का सफ़र तय करते-करते यहां तक पहुंचे हैं।
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