Skip to main content

संत मुरारी बापू ने किए द्वारकाधीश-श्रीनाथजी के दर्शन, बोले- जहां विश्वास है वहां तर्क काम नहीं करता


राजसमंद के नाथद्वारा यानि श्रीनाथजी की नगरी में सोमवार को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की शहनाइयां गूंज उठीं. अपार जनमैदिनी भगवान शिव के गण के रूप में आनंदित हो उठीं तो कई श्रोता साफा लगाकर बाराती बन गए. इस दौरान जब शीतल संत मुरारी बापू साफा धारण कर बाराती बने तो सभी तरफ ‘हर-हर महादेव’ गूंज उठा.

बता दें कि नाथद्वारा में स्थापित विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘विश्वास स्वरूपम’ के लोकार्पण के साथ शुरू हुई मानस विश्वास स्वरूपम रामकथा के तीसरे दिन माता सती के अग्नि में समाहित होने से लेकर मां पार्वती की तपस्या और इसके बाद शिव-पार्वती विवाह का मुरारी बापू ने ऐसा वर्णन किया कि आंखों में शिव की बारात के दृश्य सजीव हो उठे. मानो विशाल पाण्डाल ही विवाह स्थल हो और बापू मुख्य पुरोहित की भूमिका में भगवान शंकर का विवाह करवा रहे हों. इस भावपूर्ण क्षणों में बैंडबाजों की धुन पर पारम्परिक परिधान पहने बारातियों ने प्रेमानंदित होकर नृत्य किया.

इससे पूर्व, बापू ने शिव को पाने के लिए माता पार्वती की तपस्या का वर्णन करते हुए कहा कि विवाह से पहले सप्तऋषियों ने उनकी परीक्षा ली. ऋषि सात थे, लेकिन उन्होंने माता पार्वती को शिवजी के आठ ऐसे गुण गिनाए जिन्हें जानकर कोई युवती किसी युवक के साथ विवाह करने को तैयार न हो. उन्होंने कहा कि शिव तो निर्गुणी हैं, उदासीन हैं, निर्लज्ज हैं, दिगम्बर स्वरूप में रहते हैं, कुवेश हैं, कपालि हैं, व्याली हैं, आदि. इतना सुनने के बाद भी माता पार्वती ने प्रत्युत्तर में कहा कि जहां श्रद्धा और विश्वास अटूट है वहां तर्क को स्थान नहीं है. तब सप्त ऋषियों ने माता पार्वती को प्रणाम किया और भगवान शिव के समक्ष उपस्थित होकर सारा वृत्तांत सुनाया. 

संत मुरारी बापू ने कहा कि भक्ति भी त्रिविधा कही गई है, किन्तु विश्वास और श्रद्धा का एक ही गुण है कि वह निर्गुण है. उन्होंने कहा कि श्रद्धा के बिना ज्ञान की उपलब्धि नहीं हो सकती. इसी तरह, भक्ति को प्राप्त करने के लिए विश्वास प्रगाढ़ होना चाहिए. श्रद्धा और विश्वास दोनों मिलकर ही हमें परमात्मा का अनुभव कराते है. उन्होंने कहा कि श्रद्धा का सम्बंध हृदय से है और तर्क का सम्बंध दिमाग से. किसी भी कार्य को करते समय हृदय के भावों को दिमाग में रखकर निर्णय करना चाहिए. माता सती के प्रभु श्रीराम की परीक्षा के दृष्टांत को उद्धृत करते हुए बापू ने कहा कि जहां संशय है वहां असत्य की परम्परा शुरू होती है. माता सीता का रूप धरकर प्रभु श्रीराम के समक्ष जाने के उपरांत भी जब श्रीराम ने उन्हें माता कहा तब माता सती का संशय दूर हुआ कि श्रीराम भ्रम नहीं हैं, ब्रह्म हैं. लेकिन, भगवान शिव के पूछने पर उन्होंने असत्य कहा कि उन्होंने कोई परीक्षा नहीं ली. किन्तु अंतर्यामी भगवान शिव ने जान लिया कि उन्होंने माता सीता का रूप धरा है, तब उनके संकल्प उनकी भक्ति ने माता सती से विच्छेद करने का निर्णय करवाया. इसके बाद माता सती ने उस शरीर का त्याग कर माता पार्वती का रूप धरा, तब शिव ने उनसे विवाह किया. 

संत मुरारी बापू ने कहा कि संतों के हृदय को कभी भी मक्खन नहीं कहना चाहिए. मक्खन तो जब खुद पर आंच आती है तब पिघलता है, लेकिन साधु संत तो दूसरों की पीड़ा को देखकर ही पिघल जाते हैं. उन्हांेने कहा कि सद्गुरू समस्त शास्त्रों का पुनरावतार होता है.

विश्वास स्वरूपम जीवंत स्वरूप है:-
बापू ने कहा कि यहां विराजित विश्वास स्वरूपम् जीवंत स्वरूप है. जगत पिता बैठे हैं यहां. यह केवल एक प्रतिमा नहीं है, अपितु साक्षात विश्वास का स्वरूप हैं और यह पूरी दुनिया के लिए एक वरदान है. उन्होंने कहा कि जिस विश्वास स्वरूप को रामकथा के माध्यम से विश्व को अर्पण किया गया है उसकी प्राण प्रतिष्ठा की जरूरत ही नहीं है. 

सदगुरु समस्त शास्त्रों का पुनरावतार:-
बापू ने व्यासपीठ से कहा कि सद्गुरु हमारे समस्त शास्त्रों का पुनरावतार होता है. हमारे लिए गुरु ही एकमात्र उपाय होता है. गुरु हमारे जीवन रथ का सारथी तथा नौका का नाविक बनता है. उन्होंने कहा कि गुरु नौ प्रकार के होते हैं. नित्य गुरु, अनित्य गुरु, नित नूतन गुरु, निर्मित गुरु आदि. उन्होंने कहा कि भगवान शिव शाश्वत हैं और हमारे नित्य गुरु व नित्य बोध हैं. ये अखण्डानंद व शाश्वत गुरु है. गुरु ही उपाय है और वही हमें बताता है कि हमारा कल्याण किसमें है. 

Comments

Popular posts from this blog

DSP का महिला कांस्टेबल के साथ नहाते हुए का अश्लील वीडियो वायरल, DGP ने किया सस्पेंड, DSP ने वीडियो को बताया फेक

देवेंद्र शर्मा... राजस्थान पुलिस की वर्दी को शर्मिंदा करने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वायरल वीडियो में एक पुलिस अफसर, एक महिला कांस्टेबल के साथ स्वीमिंग पूल में नहाते हुये व अश्लील हरकत करते हुये दिखाई दे रहे हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि स्वीमिंग पूल में एक बच्चा भी साथ में है। डीएसपी बच्चे के सामने ही महिला के साथ अश्लील हरकत करने में मस्त हैं। वीडियो वायरल होते ही डीजीपी एमएल लाठर ने डीएसपी को सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिए हैं। इस संदर्भ में अजमेर आईजी एस. सेंगाथिर का कहना है कि जांच के बाद डीएसपी को सस्पेंड किया गया है। अभी विभागीय जांच जारी है। तो वहीं डीएसपी हीरालाल सैनी का कहना है कि वे महिला को नहीं जानते हैं। वीडियो पूरी तरह से फेक है। इसे एडिट करके वायरल किया जा रहा है। मामले में महिला कांस्टेबल ने भी शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत में बताया कि कोई उनका फेक वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर रहा है। एनएनएच न्यूज इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।

बैंक डकैती की योजना बना रहे इनामी समेत 6 बदमाश गिरफ्तार, 16 पिस्टल, देशी कट्टे व 32 जिंदा कारतूस बरामद

जयपुर। अलवर जिले की सदर थाना पुलिस ने डीएसटी व क्यूआरटी टीम के सहयोग से शाहपुर रोड पर स्थित सामुदायिक कॉन्प्लेक्स में बैठकर दलालपुर के एसबीआई बैंक में डकैती डालने की योजना बना रहे 5 बदमाशों को पकड़ कर दो पिस्टल व एक देशी कट्टा, 10 जिंदा कारतूस, धारदार चाकू, मिर्च पाउडर, लोहे की सब्बल, प्लास्टिक की रस्सी व दो मोटरसाइकिल जब्त की। मौके से एक बदमाश फरार हो गया था, जिसे बहरोड़ थाना पुलिस ने डीएसटी के सहयोग से 4 देशी पिस्टल, 8 देशी कट्टे, दो पिस्टल की खाली मैगजीन व 22 जिंदा कारतूस सहित गिरफ्तार कर लिया। कार्रवाई को लेकर अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अपराध डॉ. रविप्रकाश ने बताया कि गिरफ्तार बदमाश महेश गुर्जर पुत्र हुकमचंद (26), विक्रम गुर्जर पुत्र सुवालाल (24), विक्रम उर्फ विक्की उर्फ विक्रम खटोटी पुत्र मांडा राम गुर्जर (28) व महिपाल गुर्जर पुत्र उदमी राम थाना हरसोरा जिला अलवर एवं मोहर सिंह गुर्जर पुत्र उग्रसेन (28) थाना बानसूर अलवर, विकास स्वामी पुत्र लादूराम (19) थाना प्रतापगढ़ जिला अलवर के रहने वाले है। इनमे मोहर सिंह गुर्जर, विक्रम उर्फ विक्की गुर्जर व महिपाल गुर्जर 5-5 हजार रुपये ई...

शास्त्री नगर थाना पुलिस को मिली सफलता: चिकित्साकर्मियों से मारपीट के मामले में दो आरोपियों को दबोचा

राजधानी जयपुर जिले के शास्त्री नगर थाना इलाके में स्थित सरकारी हॉस्पिटल में 2 दिन पूर्व चिकित्साकर्मियों से हुई मारपीट के मामले में शास्त्री नगर थाना पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। बता दें कि वैक्सीनेशन के दौरान चिकित्साकर्मियों से मारपीट हुई थी उसके बाद से ही नर्सिंग कर्मियों का प्रदर्शन करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग चल रही थी। मुकदमा दर्ज होते ही शास्त्री नगर थाना पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों को धर दबोचा है। पकड़े गए आरोपियों का नाम आलोक त्रिवेदी और रोहन सिंह है, जिनसे पुलिस की पूछताछ जारी है। आपको बता दें कि यह पूरी कार्रवाई शास्त्री नगर थाना अधिकारी दिलीप सिंह शेखावत के नेतृत्व में उनकी टीम ने अंजाम दिया है।