कांकरोली में आयोजित हुई चुनावी सभा को संबोधित करते हुए राजसमंद की डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने राजसमंद की जनता को धन्यवाद दिया। तो वहीं उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने राजसमंद लोकसभा के विकास के लिए भी कोई कमी नहीं छोड़ी है। राजस्थान में डबल इंजन की सरकार है। कांग्रेस की सरकार में जनता परेशान हुई थी। राजसमंद लोकसभा में जो काम अधूरे रह गए थे उन्हे अब महिमा कुमारी पूरा करेंगी। पीएम मोदी को देश की जनता कहीं नहीं जानें देंगी। अंत में अपने भाषण में उन्होंने कहा कि सभी को वोट डालना है और 26 अप्रैल को इतिहास रचना है।
सभा को संबोधित करते हुए राजस्थान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि हम एक नंबर पर आकर रहेंगे। ये राजसमंद है जिसने कांग्रेस का यहां से सुपड़ा साफ किया है। जोशी ने कहा कि 2014 के बाद सेवक आए हैं इससे पहले राजा हुआ करते थे। 2014 के बाद ही प्रभु राम का भव्य मंदिर बना है। पीएम मोदी के नेतृत्व में आतंकियों को मुहतोड़ जवाब दिया जा रहा है।ये राष्ट्र को आगे बढ़ाने वाला देश है। पीएम मोदी के आने के बाद ही गरीब को आवास सहित अन्य सुविधा मिलती है। तो वहीं सीपी जोशी ने दिया कुमारी के संबोधन को दोहराया हुए कहा कि ये प्रत्याशी नहीं सांसद है महिमा कुमारी।
राजसमंद में कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. दामोदर गुर्जर के नामांकन दाखिल करने के बाद टीवीएस चौराहे पास बड़ी नामांकन सभा का आयोजन हुआ। सभा में पूर्व केंद्रीय मंत्री व नाथद्वारा के पूर्व विधायक डॉ. सीपी जोशी सहित कई कांग्रेसी नेताओं ने शिरकत की। सभा को संबोधित करते हुए डॉ. जोशी ने कहा कि पार्टी ने दामोदर गुर्जर को राजसमंद का प्रत्याशी बनाया है, जो सोच समझकर ही बनाया होगा। मैं भी भीलवाड़ा से चुनाव लड़ रहा हूं, तो मैं इतना समय राजसमंद लोकसभा में नहीं दे पाऊंगा, मगर मुझे विश्वास है मैं यहां रहूं या न रहूं, मगर यहां का प्रत्येक कांग्रेस कार्यकर्ता सीपी जोशी बनकर अपने अपने बूथ से 400 प्लस वोट दिला दें, इससे ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है, परिणाम आपके सामने होगा। कांग्रेस नामांकन सभा में डॉ. सीपी जोशी ने कहा कि आज हमारा देश सशक्त हुआ और पूरी दुनिया में ताकतवर बना है, जो सिर्फ पांच या दस साल में नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी ने 1947 से 2014 तक नीतियां बनाकर जो परिवर्तन किए, उसकी बदौलत आज देश का विकास हुआ है। लोकतंत्र में बीजेपी वाले मोदीजी के नाम पर वोट मांग रहे हैं। क्या चुनाव मोदीजी लड़ रहे हैं या कोई नेता। लोकतंत्र के चुनाव में राजनीतिक दलों की विचारधारा चल सकती है और उसी आधार पर वोट मांगने चाहिए। मगर धर्म, जाति व मंदिर के नाम पर लोगों को भ्रमित कर वोट लेना स्वतंत्र लोकतंत्र का प्रतीक नहीं है। पार्टी की विचारधारा के आधार पर कोई भी प्रत्याशी वोट मांगे, तो कोई बात नहीं, मगर धर्म, जाति के नाम पर वोट मांगना गलत है।
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